Garba Night or One Night Stand ?
Condom sales Hikes During Navratri : नवरात्रि के 9 दिन माता रानी की भक्ति और शक्ति के प्रतीक होते हैं। माता रानी के जयकारों के साथ नवरात्रि की शुरुआत होती है और इसी के साथ शुरू होता है डांडिया नाइट का सिलसिला। पिछले कुछ सालों में डांडिया नाइट का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है। लोग नवरात्रि शुरू होने से पहले ही डांडिया नाइट की टिकट खरीदने में लग जाते हैं। क्या पहनना है, कौन-सा ज्वेलरी स्टाइल करना है, इसकी तैयारियाँ हफ्तों पहले से शुरू हो जाती हैं। लेकिन अफसोस की बात यह है कि अब यह त्योहार केवल माता रानी की भक्ति तक सीमित नहीं रह गया है। कुछ लोगों ने इसे अय्याशी का अड्डा बना लिया है। तभी तो आँकड़े बताते हैं कि साल दर साल नवरात्रि के दौरान कंडोम की बिक्री में तेज़ बढ़ोतरी होती जा रही है।
और सच कहें तो कंडोम लोग न तो पहनने के लिए खरीदते हैं, न ही सजाने के लिए—ये सबको पता है इसका इस्तेमाल किसलिए होता है। तो क्या यह मान लिया जाए कि नवरात्रि के इन्हीं 9 दिनों में लोगों की ‘काम’ की भूख अचानक कई गुना बढ़ जाती है? या फिर यह वही लोग हैं जो गरबा नाइट में सिर्फ अपने लिए पार्टनर ढूँढने जाते हैं और एक one night stand की तलाश में रहते हैं?
Garba : Meaning and Value
गरबा सिर्फ डांस नहीं है, बल्कि नवरात्रि की जान है। ‘गरबा’ शब्द संस्कृत के ‘गर्भ’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है गर्भ या भीतर का दीपक।
गरबा का एक अर्थ गर्भ दीप भी है—जो दीपक की तरह पवित्र माना जाता है। नवरात्रि का पर्व केवल माँ दुर्गा की शक्ति का ही नहीं, बल्कि नारीत्व का भी उत्सव है। जिस प्रकार एक नारी गर्भ में 9 महीने तक जीवन को पालती है, वैसे ही ये 9 दिन नारी शक्ति और जीवन के चक्र के प्रतीक माने जाते हैं। गरबा नृत्य में पुरुष और महिलाएँ मिलकर माँ दुर्गा के प्रतीक दीपक का चक्कर लगाते हैं। माना जाता है कि यह नृत्य माँ दुर्गा को जागृत करता है। यही कारण है कि गरबा को जीवन के निरंतर चक्र और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसी तरह नवरात्रि के उपवास हमें संयम और आत्मनियंत्रण का संदेश देते हैं।
पवित्रता से अशुद्धि तक…
सोचिए, इतना पावन नृत्य भी आज गंदगी से दूषित हो रहा है। आधुनिक गरबा में DJ, बॉलीवुड गाने और फैशन तो जुड़े, लेकिन साथ ही लोगों की मानसिकता की गंदगी भी घुस गई। आए दिन गरबा से जुड़े वीडियो सामने आते हैं जहाँ लड़कियों से छेड़छाड़ और अभद्रता की घटनाएँ देखने को मिलती हैं। और अब तो हद यह है कि आँकड़े हमें बताते हैं कि गरबा सिर्फ डांडिया नाइट नहीं रह गया, बल्कि कुछ लोगों के लिए गलत नीयत और रिश्तों की तलाश का मौका बन गया है। रिपोर्ट्स कहती हैं कि नवरात्रि के दौरान कंडोम की बिक्री 10 से 60 फीसदी तक बढ़ जाती है। हालाँकि कुछ लोग इसे “सही” भी ठहराते हैं, लेकिन सवाल यह है—क्या यह सच में सही है?
Garba – Dandiya Night : Conclusion
गरबा नवरात्रि का आत्मा है—यह भक्ति, नारीत्व और एकता का प्रतीक है। इसे lust, harassment और politics तक सीमित कर देना हमारी संस्कृति के साथ खिलवाड़ है। आपको क्या लगता है—क्या गरबा का असली उद्देश्य भक्ति है या अब यह सिर्फ modern hookup culture तक सीमित हो गया है? अपनी राय हमें कमेंट सेक्शन में ज़रूर बताइए।गर्भ दीप” भी है, जो स्त्री की सृजन शक्ति का प्रतीक माना जाता है और नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी के घड़े में जलाए गए दीप को दीप गर्भ कहा जाता है.